A Blog On Tunnal Banker For Compost By Dr Hemendra Yadav Awotech

A Blog On Tunnal Banker For Compost By Dr Hemendra Yadav Awotech, updated 9/30/24, 12:58 PM

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Dr Hemendra Yadav Director awotech write a blog and describe how to make compost and use for muushroom growing chamber for more info write it.


https://awotech.in/




मशरुम ग्रोवर चैम्बर के लिये कम्पोस्ट खाद बनाने की ववलि-
िेख-डा.हेमेन्द्र यादव

कम्पोस्ट दो प्रकार से तैयार की जा सकती है
1.छोटी ववलि-टनि बंकर के साथ
2.िम्बी ववलि-वबना टनि बंकर के साथ
दोनो विधियो में कम्पोस्ट धमश्रण को बाहर फर्श पर सडाया जाता है,परन्तु लघु विधि में लगभग दस
ददन बाद एक खास दकस्म के कमरे में भर ददया जाता है चैम्बर या टनल के नाम से जाना जाता है,100
क्विटल सूखे भूसे की खाद बनाने के धलये चैम्बर के अन्दर की लम्बाई 35 फुट,चौडाई 10 फुट तथा
ऊँचाई 12 फुट होनी चादहये,चैम्बर के अंदर से थमोकोल की सीट के साथ इन्सूलेट दकया जाता है तादक
अंदर की गमी बाहर न जाए,चैम्बर का फर्श जालीदार होता है तथा उसमें नीचे र्र से 3 हाँसश पाँिर
1440 चवकरो िाली मोटर के ब्लोअर(पंखा) द्वारा हिा फैकी जाती है जो सारे कम्पोस्ट का तापमान एक
समान बनाये रखती है क्जससे कम्पोस्ट जल्दी तैयार हो जाता है,चैम्बर में सात फुट ऊँचाई तक कम्पोस्ट
भरी जाती है,कम्पोस्ट का तापमान 6-8 घंटे के धलये 60 दडग्री सैक्ल्सयस तक दकया जाता है तादक



कम्पोस्ट में कीडे,बीमाररयां ि सूत्रकृधम नष्ट हो जाए,कम्पोस्ट का तापमान कभी भी 60 दडग्री सैक्ल्सयस
से ऊपर कभी भी न जाने दे,इसके बाद कम्पोस्ट का तापमान 6-7 ददन तक 48-52 दडग्री सैक्ल्सयस
रखा जाता है। इस विधि में बायलर लगिाने की आिश्यकता नही और कम्पोस्ट के अंदर की ऊजाश
तापमान को बढा सकती है । जब कम्पोस्ट में अमोधनया गैस प्रोटीन में बदल जाती है तो कम्पोस्ट का
तापमान कम हो जाता है या दफर ब्लोअर से ताजी हिा देने से भी कम्पोस्ट का तापमान कम दकया जा
सकता है । इस विधि से लम्बी विधि की अपेक्षा खुम्ब का उत्पादन करीब डेढ से दो गुना होता है और
बीमाररयो का प्रकोप भी कम होता है। इस विधि से 100 क्विटस भूसे से 250 क्विटल कम्पोस्ट तैयार हो
जाती है। दकसान भाईयो को सलाह दी जाती है दक जल्दी से जल्दी लम्बी अिधि से छोटा अिधि की
तरफ आने की कोधर्स करे तादक कम्पोस्ट खाद की गणुित्ता बदढया धमले और कीडे तथा बीमाररयो का
प्रकोप कम से कम हो और खुम्ब की पैदािर अधिक पाएँ।





छोटा अवलि से कम्पोस्ट बनाने की ववलि-
अियि मात्रा(क्विटल)
गेहंू,िान,सरसो का भुसा 100
मुगी खाद 60
गेहंू का छानस या चोकर 4
क्जप्सम 12.50



दकसान खाद(कैक्ल्सयम अमोधनयम नाईट) 1.5
यूररया 2
म्युरेट आँफ पोटार् 1
धसंगल सुपर फास्फेट 1
छोटी अिधि से खाद तैयार करने के धलए सबसे पहले गेहंू के भूसे को पानी में लगभग 24 घंटे से
धभगोकर बाहर धनकाल ददया जाता है। िान की पराली को गेहँू के भूसे की तरह न धभगोकर हल्का-2
पानी लगाकर 10 घंटे धभगोना चादहये । 50 प्रधतर्त िान की पराली ि 50 प्रधतर्त गेहंू का भूसा
धमलाकर भी कम्पोस्ट बनाया जा सकता है। िान की पराली को प्रयोग करने से पहले काट ले।
शून्द्य ददन-धभगे हुए भूसे पर यह सारा ऊपर धलक्खत पदाथो को डाल कर पल्टाई लगाकर 5 फुट चौडा,5
फुट ऊंचा ि लम्बाई सुवििानुसार ढेर बना ददया जाता हे,इसे 0 ददन कहा जाता है।
तीसरा ददन-इस ढेर को बंकर में भर ददया जाता है क्जसे फेस 1 या आउटडोर कम्पोक्स्टग भी कहा जाता
है। 100 क्विटल सूखे भूसे के कम्पोस्ट के धलये बंकर का आकार 35’*12’ होना चादहए। इस बंकर के फर्श
में 3 इंची पी.िी.सी 11 लाईने डाली जाती है,क्जसमें 2 होसश पािर की मोटर िाले ब्लोअर से हर 15 धमनट
के अंतराल पर 5 धमनट ताजी हिा (आवसीजन ) दी जाती है इससे कम्पोस्ट की गुणित्ता में िवृि होती
है। समय समय पर कम्पोस्ट का तापमान मापने के धलये तापमान मीटर लगाये।





5वां ददन-अब सारे कम्पोस्ट को दसूरे बंकर में पलट ददया जाता है। इस समय पानी की मात्रा को देखे
तथा आिश्यकतानुसार पानी का धछडकाि करे तथा ब्लोअर से हर 15 धमनट के अंतराल पर 5 धमनट
ताजी हिा दे। इस समय कम्पोस्ट का तापमान के अंदर का तापमान 75 दडग्री सैक्ल्सयस तक चला
जाता है।
7वा ददन-अब इस कम्पोस्ट को पहले िाले बंकर में स्थानांतरण करे। पानी की मात्रा 65-70 प्रधतर्त रखे
तथा ब्लोअर से हर 15 धमनट के अंतराल पर 5 धमनट ताजी हिा दें।
9वे ददन-अब इस कम्पोस्ट को दसूरे िाले बंकर में स्थानांतरण करे। नमी की मात्रा 65-70 प्रधतर्त रखे
तथा ब्लोअर से हर 15 धमनट के अंतराल पर 5 धमनट ताजी दे। इस समय पर कम्पोस्ट का रंग गहरा
भूरा हो जाता है।
11वे ददन-कम्पोस्ट को चैम्बर में भरे। चैम्बर भरते समय कम्पोस्ट की ऊंचाई 6-7 फुट से अधिक न
रखे। कम्पोस्ट के ऊपर न चढे,ऊपर से न दबाएँ तादक उसमें हिा का आिागमन ठीक रहे। कम्पोस्ट
चैम्बर में भरने के बाद चैम्बर को एयर टाईट बन्द करें। तथा उसके बाद आिे घंटे के धलए ब्लोअर से



ताजी हिा दें उसके बाद चैम्बर के अंदर की हिा ब्लोअर को दे तादक कम्पोस्ट की हिा चैम्बर में से
संचालन हो सके।

इस समय कम्पोस्ट का तापमान लगभग 50-55 दडग्री सैक्ल्सयस तक हो सकता है।अगले ददन अन्दर की
हिा कम करके कम्पोस्ट का तापमान 60 दडग्री सेक्ल्सयस तक ले जाएं।यह तापमान 6-8 घंटे तक
रखे,इसके बाद तापमान 48-52 दडग्री सेक्ल्सयस लगभग 6 ददन रखे,बीच –बीच में कम्पोस्ट को 10-
15प्रधतसत ताजी हिा दे।
इस ववलि से कम्पोस्ट तैयार करने में18 ददन का समय िगता है व सूखे भूसे का अढाई गुना कम्पोस्ट
खाद तैयार होता है।



िम्बी अवलि से कम्पोस्ट तैयार करना--
इस विधि से कम्पोस्ट तैयार करने में 28 ददन लगते है परन्तु इसके धलये दकसी विष महंगी मर्ीनरी
या यन्त्र की आिश्यकता नही पडती है,छोटे दकसान इस विधि से आसानी से कम्पोस्ट तैयार कर सकते
है।
अियि सूत्र न.1 सूत्र नं.2 सूत्र नं.3 (मात्रा दकग्रा)
गेहँू का भूसा या िान की पराली 300 300 ----
या सरसो का भूसा ------- ---------- 300
मुगी की खाद -------- -------- 60
गेहंू का छानस या चोकर 15 7.5 8
क्जप्सम 20
30 20
दकसान खाद(कैक्ल्सयम

अमोधनयम नाईट) 9
6 ----

म्युरेट आँफ पोटार् 3 2 --

र्ीरा(राला) 5
5
5
खाद बनाने के धलये ऊपर धलक्खत दकसी भी सूत्र का प्रयोग दकया जा सकता है। सूत्र नं.1,2 तथा 3 में
क्रमर् गेहँू,िान तथा सरसो के भूसे का प्रयोग दकया गया है। दकसाम खाद न धमलने पर सूत्र न.1 में 9
दकग्रा खाद की जगह 4.5 दकग्रा यूररया प्रयोग दकया जा सकता है।
खाद कम्पोस्ट बनाने की अनूसूची--- 0+6+10+13+16+19+22+25+28 ददन ऊपर धलक्खत मात्रा से
लगभग 540-600 दकग्रा तैयार खाद धमलती है।
खाद कम्पोस्ट बनाने का तरीका-गेहँू का चमकीला ि वबना भीगा भूसा 48 घंटे तक पवके फर्श पर करीब
एक फुट की तह वबछाकर अच्छी तरह पानी में धभगोये। अगर पवके फर्श की सुवििा नही है तो साफ
सुथरी कच्ची जगह भी उपयोग कर सकते है।



0ददन-गीले भुसे के ऊपर रसासन उिशरक 6 दकग्रा दकसान खाद 2.5 दकग्रा यूररया ,3 दकग्रा धसगल
सुपर,3 दकग्रा म्यूरेट ओफ पोटास तथा 10 दकग्रा गेहँू का छानस वबखेर दे। इसके बाद 5 फुड ऊंचा,5 फुट
चौडा तथा लम्बाई सुवििानुसार चट्टा बना दे। ढेर बनाने के 48 घंटे बाद ढेर के अंदर का तापमान 70-
75 दडग्री सैक्ल्सयस तक पहंुच जाता है।
+6ददन (पहिी पिटाई)-ढेर का बाहरी भाग हिा में खुले रहने से सूख जाता है,क्जससे खाद अच्छी तरह
नही सडता है। खाद की साम्रगी के प्रत्येक दहस्से को सही तापमान पर पहँुचाने के धलये खाद की पलटाई
की जाती है। पलटाई देते समय यह ध्यान रखे दक चट्ठे के बाहर का भाग अन्दर तथा अन्दर का भाग
बाहर आ जाये तथा बाहर के सूखे भाग पर पानी का हल्का धछडकाि कर दे। पहली पलटाई छटे ददन की
जाती है। उस पलटाई के समय ष 3 दकग्रा दकसान खाद,1 दकग्रा यूररया तथा 5 दकग्रा छानस धमला दे।
ढेर का दोबारा से 0 ददन जैसा चट्टा बना दे।
+10 ददन(दसूरी पिटाई)-खाद के ढेर के बाहर के एक फुट के पाचो भागो को काट दे तथा इनमें पानी
धछडके। दफर पाचो भागो को काटने से बचे हुए भाग को खोलदे तथा ठंडा होने दै । पलटाई करते समय
ध्यान रखे दक बाहर का भाग अंदर ओर अंदर का भाग बाहर जाये। इस पलटाई के समय खाद में 5दकग्रा
र्ीरा 10 लीटर पानी में धमलाकर ढेर बनाने से पहले ही धमला लेना चादहए।नमी की जांच करे,खाद में
नमी की 65-70 प्रधतर्त रखे।
+13ददन(तीसरी पिटाई)-खाद को जैसे दसूरी पल़टाई दी उसी तरह तीसरी पलटाई देनी है,बाहर के सूखे
भाग पर हल्का पानी जरुर धछडके। खाद में नमी न तो अधिक और न कम होनी चादहए । खाद में 20
दकग्रा क्जप्सम धमला लेने से खाद ग्रीस जसैा अथिा धचपधचपा नही रहता है। ढेर का पहली की तरह
च़ट्टा बना ले।
+16ददन(चौथी पिटाई)-जैसे तीसरी पलटाई की थी उसी तरह चौथी पलटाई देनी चादहए। खाद में नमी
ठीक रखे।
+19ददन (पांचवी पिटाई)-खाद के ढेर की पल्टाई दफर से चट्टा बना देनी चादहए। खाद में नमी ठीक
रखे।
+22ददन(छटी पिटाई)-खाद के ढेर की पलटाई दफर से चट्टा बना देनी चादहए। खाद में नमी ठीक रखे।



+25ददन(सााँतवा पिटाई)- खाद के ढेर की पल्टाई दफर से चट्टा बना देनी चादहए। खाद में नमी ठीक
रखे।
+28ददन-इस ददन खाद परीक्षण अमोधनया तथा नमी के धलये दकया जाता है। यदद खाद में अमोधनया
गैस की बदबू नही है तथा पानी की मात्रा भी उधचत है तो खाद वबजाइ के धलये तैयार रहे,वबजाई से पहले
खाद के ढेर को खोल दे तादक खाद (कम्पोस्ट) का तापमान अधिक है तो उसमें स्पान मरने की संभािना
रहती है। यदद विष पररक्स्तधथयो में खाद में अमोधनया गैस रह गइ है तो हर +3िे ददन पलटाई देते
रहना चादहये। मुगी की बीट िाली खाद में अमोधनया गसै रहने की आका रहती है। पानी की उधचत
मात्रा की पदहचान करने का सबसे आसान तरीका यह है दक थोडी सी खाद को मुट्टी में लेकर दबा कर
देखे।पानी की बंूद उंगली के बीच से बाहर आनी चादहए परन्तु िार नही बननी चादहए। यदद पानी की
मात्रा आिश्यकता से अधिक है तो खाद खोलकर हिा लगनी चादहए।खुम्ब की अच्छी पैदािार के धलये
कम्पोस्ट की उत्तम विाधलटी होनी चादहए।
कम्पोस्ट खाद बनाते समय साविालनया-
1.कम्पोस्ट बनाने के धलए भुसा ताजा,चमकदार होना चादहए। बाररस में भीगा या सडा भूसा ना हो।
2.कम्पोस्ट बनाना धसतम्बर से पहले रु न करे। कम्पोस्ट धलखे गए सूत्रो के आिार पर ही तैयार
करे,सामग्री िजन कर प्रयोग करे।
3.कम्पोस्ट बनाते समय या बाद में नमी 65-70 प्रधतसत से अधिक ना हो।कम्पोस्ट के ढेर को ढककर
रखे।
4.बहुत गीली या सूखी कम्पोस्ट में खुम्ब का जाला कम फैलता है।
5.हर पलटाई के समय नमी की मात्रा की जाँच करे ओर नमी की मात्रा जांच करें ओर नमी की मात्रा
उधचत करें।
6.यदद कम्पोस्ट में पानी की मात्रा 70 प्रधतसत से अधिक हो जाती है तो खाद में बीमारी आने की
संभािना ज्यादा होती है।
अच्छी कम्पोस्ट के गुण-
1.कम्पोस्ट गहरे भूरे रंग की होनी चादहए।



2.कम्पोस्ट में अमोधनया की बदबू नही आनी चादहए बक्ल्क खुम्ब जैसी सुगंि होनी चादहए।
3.कम्पोस्ट का पी.एच मान 7.5 होना चादहए ि नमी 65-70 प्रधतर्त हो।
4.कम्पोस्ट में नाईट्रोजन की मात्रा 2.5 से 2.7 प्रधतसत होनी चादहए।
5. कम्पोस्ट में नमी की मात्रा 65-70 प्रधतर्त हो।